भोपाल(देसराग)। भाजपा ने आजीवन सहयोग निधि से 150 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता तक से आजीवन सहयोग निधि ली जानी थी। ताकि भविष्य में पार्टी चलाने के लिए बड़ी रकम की एफडी की जा सके। चंदा जुटाने के लिए भाजपा को अब पसीना आ रहा है। इसकी वजह सिंधिया समर्थकों को माना जा रहा है। वह इसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं। अब तक भाजपा केवल 11 करोड़ रुपए ही इकट्ठा कर पाई है।
दिग्गजों में नाराजगी
चंदे को लेकर भाजपा में बैठकों का दौर लगातार जारी है। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने चर्चा की। चंदा नहीं देने वाले पार्टी के लोगों पर शिवप्रकाश और मुरलीधर राव ने नाराजगी जताई है। मुरलीधर राव ने यहां तक कह दिया कि यदि किसी को विश्राम करना है, तो वह हमेशा के लिए विश्राम ले लें। बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी कहा गया कि वह अपने समर्थकों से कहें कि यह पार्टी का फंड नहीं बल्कि मत संग्रह है। वह मैदान में जाएं और जितना ज्यादा हो सके फंड जमा कराएं। बैठक में सांसद, विधायक, निगम मंडल उपाध्यक्ष, जिला अध्यक्षों को सोशल मीडिया समर्पण निधि और बूथ विस्तारक अभियान को लेकर कई टिप्स दिए।एक मार्च से चलाया जाएगा समर्पण निधि के लिए विशेष अभियान
संगठन ने फैसला लिया है कि 26 से 28 फरवरी के बीच शिवराज सरकार के मंत्री प्रभार वाले जिलों में जाकर भाजपा प्रबंध समिति और कोर ग्रुप के साथ बैठकें करेंगे। पार्टी ने यह भी तय किया है कि एक से 15 मार्च तक समर्पण निधि के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। सत्ता और संगठन के तालमेल से काम होगा। जिलों को जो टारगेट दिए गए हैं, उसे पूरा करने के निर्देश दिए गए। वहीं पहले दिन की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए थे और देर तक चिंतन मंथन भी किया गया।
एप को लेकर कार्यकर्ता असमंजस में
दिग्गजों ने चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा ने बूथ विस्तारक अभियान शुरू तो किया, लेकिन उसके एप को लेकर कार्यकर्ता असमंजस में हैं। टेक्निकल दिक्कतों के चलते भाजपा अपना टारगेट कैसा पूरा करेगी। संगठन महामंत्री ने पन्ना प्रभारियों की नियुक्ति न होने पर भी नाराजगी जताई। बूथ विस्तार अभियान को लेकर कहा कि यह परीक्षा की तरह था। हमने योजना के अनुसार काम नहीं किया। वहीं प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश में बीजेपी उन लोगों तक पहुंची है, जहां पहले पार्टी का जाना नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का फंड देना भी चर्चा का विषय बना रहा। उन्होंने फंड तो दिया, लेकिन पार्टी ने यह नहीं बताया कि कितना सहयोग दिया। पार्टी ने एक हजार रुपए की रसीद जरूर बनाई, जिसमें पत्नी साधना सिंह का नाम है। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह की एक हजार की राशि बताई गई है। भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री ने कितना फंड दिया।
समर्पण निधि पर फोकस
11 फरवरी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि से चंदा जुटाने की मुहिम शुरू की गई। इतने दिनों में भाजपा केवल 11 करोड़ रुपए ही इकट्ठा कर पाई है। टारगेट बहुत बड़ा है और चिंता यह है कि सिंधिया समर्थक न तो समर्पण निधि के लिए काम कर रहे हैं और ना ही बूथ विस्तारक अभियान में विशेष रुचि ले रहे हैं। तो ऐसे में पार्टी पहाड़ जैसे 150 करोड़ का टारगेट कैसा पूरा करेगी यह सोचने वाली बात है।
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