भोपाल (देसराग)। मध्य प्रदेश के अलावा दीगर राज्यों पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल होने के बाद अब यह मांग प्रदेश की शिवराज सरकार के लिए जी का जंजाल बन सकती है। अलबत्ता मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग कर रहे सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के सुर में सुर मिलाने के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की तो भाजपा के ही बागी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी कमलनाथ की मांग में सुर मिला दिया।
दरअसल 2004 में यह व्यवस्था बंद कर दी गई थी और उसके स्थान पर बनाई गई नई पेंशन स्कीम को कर्मचारी हितैषी नहीं माना जाता है। 3 राज्यों द्वारा अपने अधिकारी-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ देने के बाद अब मध्य प्रदेश में भी इसे लागू करने के लिए आवाज उठ रही है। हाल ही में राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर दी है।
यह व्यवस्था लागू होने के बाद अब मध्य प्रदेश में भी इसे लागू करने की मांग हो रही है। इस बात को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी कर्मचारियों-अधिकारियों के हित में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने को लेकर शिवराज सरकार से आग्रह किया है। वहीं बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग की है। इसके साथ ही कर्मचारी संगठन भी इसके पक्ष में आवाज उठा रहे हैं।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सचिव उमाशंकर तिवारी ने सरकार से आग्रह किया है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके। उनका कहना है कि नई पेंशन व्यवस्था लागू होने के बाद मध्य प्रदेश के लगभग तीन लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के लाभ से वंचित हो गए हैं और इस तरह से कर्मचारी- अधिकारियों में दो अलग-अलग पेंशन लाभांशी हो गए हैं जो संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्त होने के समय बेसिक वेतन और डीए जोड़ने के बाद उसकी आधी पेंशन बनती थी यानी अगर रिटायरमेंट के दौरान जिस का वेतन 50000 रुपये मासिक होगा उसको करीब 25000 रुपये मासिक पेंशन आजीवन मिलेगी। पेंशनर की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को भी इसका लाभ मिलना था। वहीं नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारी के वेतन से कटौती करने के बाद में उसको पेंशन दी जाती है। लेकिन इस व्यवस्था में कर्मचारी की विधवा और उसके परिवार को सुरक्षा के प्रावधान नहीं दिए गए हैं। इसलिए प्रदेश भर में खासकर निगम-मंडल कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करके पुरानी पेंशन की मांग की है।
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