भोपाल(देसराग)। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बुधवार को कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास पत्र को स्वीकार कर लिया है। 11 साल बाद सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। उन्होंने सदन में इसकी सूचना दी और 21 दिसंबर को इसको लेकर समय तय किया है। सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्ताव पेश किया। इस पर भी बुधवार को चर्चा की जाएगी।
दरअसल कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। आरोप पत्र में कांग्रेस ने कई मंत्रियों को सीधे निशाने पर लिया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविन्द सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपने सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है। इसके लिए कांग्रेस ने व्हिप जारी कर दिया है। कांग्रेस द्वारा चौथी बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ करीब 11 साल बाद दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।
सरकार को घेरेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने सत्ता पक्ष को घेरने के लिए 51 मुद्दों का आरोप पत्र तैयार किया है। ये आरोप पत्र करीबन 104 पेज का है। इसमें कांग्रेस ने कारम डेम, पोषण आहार घोटाला, महाकाल लोक के निर्माण में गड़बड़ी, नल जल योजना में गड़बड़ी, गौशालाओं की दुर्दशा, राम वन गमन पथ को खत्म करने, प्रदेश की खराब आर्थिक हालत जैसे मुद्दों को शामिल किया है।
साल 2011 में लगा था कांग्रेस को तगड़ा झटका
बता दें कि इसके पहले कांग्रेस 2011 में शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। उस वक्त तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह थे। उनके नेतृत्व में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। उस पर करीब 22 घंटे तक चर्चा हुई, लेकिन वोटिंग के ऐन पहले उप नेता प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर असहमति जताई और सदन में ही अपने स्थान से उठकर सदन के नेता शिवराज सिंह चौहान के पास उनका आशीर्वाद लिया और इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए।