ग्वालियर(देसराग)।
बदल देते हैं नक्शे तख्त/ तकदीरें पलटते हैं
कफन बांधे हुए जब
मर्द मैदां में उतरते हैं…
कर्नल गुरबक्श सिंह ढिल्लों(आजाद हिंद फौज) की इन पंक्तियों के साथ आज उनकी सुपुत्री डॉक्टर अमृता मेहरोत्रा ने यहां महारानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल पर एक दीप सीमा प्रहरियों के नाम कार्यक्रम में प्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को नमन करते हुए महारानी लक्ष्मी बाई के समाधि पर पुष्प अर्पित किए तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया।
उन्होंने अपने पिता कर्नल गुरबक्श सिंह ढिल्लों और आजाद हिंद फौज के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है कि सदाशय मंच द्वारा हर वर्ष एक दीप सीमा प्रहरियों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जो पहले 25 जनवरी को आयोजित होता था। इस बार से उसे हर वर्ष नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस पर 23 जनवरी को आयोजित करने का निर्णय लिया गया,जिसके फलस्वरूप आज इस गरिमामय कार्यक्रम को संपन्न किया गया। सदाशय मंच के प्रणेता धृतिवर्धन गुप्ता जो स्वयं भी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में सेवारत रह चुके हैं। उन्होंने सीमा प्रहरियों की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए शहीद सीमा प्रहरियों के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि दी व सभी उपस्थितों के साथ मिलकर दीप प्रज्वलित किए।
इस अवसर पर रंग शिल्प समिति के फाउंडर केपी श्रीवास्तव, डॉ सुनीता प्रजापति, श्रीमती मिड्डा, और कलाकार साथी सहित सदाशय मंच के पदाधिकारी, सदस्यगण छात्र-छात्राएं तथा नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कलाकार श्रीमती पल्लविका चौधरी ने किया।