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Tuesday, Jun 6, 2023
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ये कैसी सियासत: खुद 19 साल से सत्ता के घोड़े पर सवार, लेकिन हिसाब 15 महीने वाले से मांग रहे!

भोपाल(देसराग)। चुनावी साल लगते ही अब जनता में जाने से पहले सियासत में सवाल-जवाब का दौर शुरु हो गया है। हैरत की बात ये है कि गंगा उल्टी बह रही है। लोकतंत्र में सवाल पूछने की जवाबदारी विपक्ष की है, लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से सवाल पूछे जा रहे हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश में चुनावी शतरंज की बिसात बिछ चुकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पहला तीर उस वोट बैंक के मार्फत छोड़ा है जो सत्ता पलटने की ताकत रखता है। कायदे से तो सवाल विपक्ष को पूछना चाहिए लेकिन मध्य प्रदेश की सियासत में सत्ता के घोड़े पर सवार मुख्यमंत्री विपक्ष से सवाल पूछ रहा है। शिवराज का पहला सवाल किसानों के बोनस से जुड़ा हुआ है। कमलनाथ से जानना चाहा है कि, सवा साल में एक भी किसान को बोनस दिया गया। शिवराज ने कहा कि, कमलनाथ ने पंद्रह महीने की सरकार में जो वचन दिए थे। अब मैं लगातार कमलनाथ जी से उन वचनों के बारे में पूछूंगा। उधर कांग्रेस ने पलटवार में कहा है कि सीएम शिवराज का नाम तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होना चाहिए की 19 साल के मुख्यमंत्री 15 महीने की सरकार के मुख्यमंत्री से सवाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का विपक्ष से सवाल पूछना कितना बड़ा मजाक है।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कमलनाथ के नए वचनों को लेकर कांग्रेस को घेरा है। शिवराज ने कहा कि, कांग्रेस ने फिर से झूठे वादे करना शुरु कर दिया है। शिवराज 15 महीने की कमलनाथ सरकार में जनता से किए गए वचन का हिसाब किताब मांग रहे हैं। पूछ रहे हैं कि, कमलनाथ ने वचन पत्र में जो वचन दिए थे वो एक भी पूरे नहीं हुए। शिवराज ने एक वचन का उल्लेख करके बताया कि, कमलनाथ ने कई फसलों का नाम लिखकर कहा था कि गेहूं, चना, सरसों या चावल हो सभी पर बोनस देंगे। शिवराज ने सवाल किया कि सवाल साल में एक को भी बोनस दिया क्या?

शिवराज सवाल पूछने को लेकर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। मिश्रा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से पूछे गए 40 दिन 40 सवाल का हवाला देते हुए कहा कि, नकल में भी अकल की जरूरत होती है। मिश्रा ने कहा कि शिवराज से जो सवाल किए गए थे। उनका जवाब तो उन्होंने अभी तक नहीं दिया। गजब है कि 19 साल के मुख्यमंत्री 15 माह की कांग्रेस सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल कर रहे हैं, यह राजनीतिक इतिहास को शर्मसार करने के लिए काफी है।

2018 से मध्य प्रदेश में चुनावी प्रश्न पत्र का दौर शुरु हुआ था। उस समय कमलनाथ ने कैम्पेन की शक्ल में सीएम शिवराज से 40 दिन में 40 सवाल पूछे थे। इसके बाद भी उन्होंने 10 सवाल का एक और पेपर तैयार किया था। जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर शिक्षा महिला सुरक्षा किसान बेरोजगारी बिजली सड़क पानी के मुद्दे को लेकर 10 सवाल किए गए थे।

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