भोपाल(देसराग)। कांग्रेस का मध्य प्रदेश में शुरू हुआ “हाथ से हाथ जोड़ो अभियान” क्या शुरू होते ही ठंडा पड़ गया है? चुनावी साल से गुजर रहे मध्यप्रदेश में तो स्थिति ये है कि इस अभियान का ना ब्लॉक स्तर तक का रूट चार्ट तैयार हो पाया है अब तक और न ही मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बड़े नेताओं के कार्यक्रम तय हुए हैं। भाजपा तो तंज कर रही है, लगता है अभियान शुरु होते ही कार्यकर्ताओं ने ही जोड़ लिया है हाथ।
दरअसल भारत जोड़ो यात्रा के पार्ट टू के तौर पर शुरू किये गये हाथ से डाथ जोड़ो अभियान को कांग्रेस ने चुनावी राज्यों के साथ 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर शुरू किया है। इसमें दस लाख मतदान केन्द्रों से लेकर ढाई लाख ग्राम पंचायत और 6 लाख से ज्यादा गांव तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन, सवाल ये है कि मध्यप्रदेश में जिस रफ्तार से इस अभियान की शुरुआत हुई है क्या तीन महीने में लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का लक्ष्य गांव और ब्लॉक स्तर तक पहुंचना है, लिहाजा मध्य प्रदेश में इस अभियान की शुरुआत भी ग्रामीण इलाके से की गई। भोपाल के नजदीक मुगलिया छाप में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस अभियान की औपचारिक शुरुआत की। लेकिन शुरुआत के साथ ही अभियान की जैसी धार और रफ्तार दिखाई देनी चाहिए वो नजर नहीं आ रही। असल में करीब तीन महीने के इस अभियान में ब्लॉक और ग्राम स्तर तक पार्टी को पहुंचना है, जबकि संगठन स्तर पर इस अभियान की तैयारी का मामला ये है कि ब्लॉक स्तर तक का रूट ही फाइनल नहीं हो पाया जिसकी वजह से अब तक मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से कई जिलो में अभियान शुरू नहीं हो पाया। इसी तरह मार्च तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बड़े नेताओं के दौरे और कार्यक्रम भी हैं, अभियान शुरु हो जाने के बाद भी जिन्हें अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
असल में भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस में जो जमीनी माहौल बना है, कांग्रेस पार्टी अब अपने बैनर पर उसे हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के साथ आगे बढ़ाना चाहती है। देश व्यापी इस अभियान में पार्टी का लक्ष्य दस लाख मतदान केन्द्र के साथ 6 लाख गांवों तक पहुंचना है। हर घर तक पहुंचने वाले इस अभियान में पार्टी ने मोदी सरकार की नाकामियों के साथ राज्य स्तर पर भाजपा सरकार की विफलताओं का ड्राफ्ट तैयार किया है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के पंद्रह महीने के कामकाज का ब्यौरा जनता के सामने पेश किया जाएगा और शिवराज सरकार की नाकामियां गिनाई जाएंगी। पहली बार आइडियोलॉजी पर भी फोकस कर रही है कांग्रेस और इस अभियान के जरिए कांग्रेस की विचारधारा से जनता को जोड़ने का काम भी किया जा रहा है।
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की जिले में जिम्मेदारी संभाले पार्टी के नेता अवनीश भार्गव बताते हैं “हाथ से हाथ जोड़ो अभियान जनता से पार्टी के सीधे जुड़ाव का कार्यक्रम है। इसके पहले भारत छोड़ो यात्रा कांग्रेस के बैनर पर नहीं हुई थी। ये अभियान पूरी तरह से कांग्रेस का है। इसमें मध्य प्रदेश के 52 जिलों के हर घर तक पहुंचने का लक्ष्य है। अभी शुरुआत है इसलिए तैयारियां की जा रही हैं। जल्द से जल्द ये अभियान रफ्तार पकड़ लेगा और जिस तरह से भारत जोड़ो यात्रा को आम भारतीय का समर्थन मिला इस कार्यक्रम में भी आम भारतीय बढ़-चढ कर हिस्सा लेगा। कांग्रेस का अभियान पूरी तरह राजनीतिक है।” भार्गव बताते हैं इस अभियान के साथ हम घर घर शिवराज सरकार का कच्चा चिट्ठा, उनकी नाकामियां भी लेकर जा रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता हितेष वाजपेयी कहते हैं कि “कांग्रेस ने जनता से जुड़ाव के लिए हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू किया है, लेकिन अभियान की शुरुआत में जो तस्वीर दिखाई दे रही है उससे तो लग रहा है कि इस अभियान से पार्टी के ही कार्यकर्ताओं ने ही हाथ जोड़ लिये हैं। वो ही अभियान में कोई रुचि नहीं दिखा रहे।”