भोपाल(देसराग)। मध्यप्रदेश विधानसभा में सत्र की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस सत्र में राज्य का बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू होगा, जो 27 मार्च तक चलेगा। बजट सत्र के काफी हंगामेदार होने की संभावना है। कांग्रेस ने भी सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्यपाल की अनुमति के बाद विधानसभा ने अधिसूचना जारी कर दी है।
विधानसभा के 29 दिवसीय सत्र में सदन की कुल 13 बैठकें होंगी। सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। इस दौरान आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत होगा और शासकीय एवं अशासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे। इस सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय में अशासकीय विधेयकों की सूचनाएं प्राप्त होने की अंतिम तिथि 15 फरवरी तथा अशासकीय संकल्पों की सूचनाएं 16 फरवरी, 2023 तक प्राप्त की जाएंगी। वहीं स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व नियम-267 के अधीन दी जाने वाली सूचनाएं विधानसभा सचिवालय में 21 फरवरी से कार्यालयीन समय में प्राप्त की जाएंगी। मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का यह चौदहवां सत्र होगा।
विधानसभा का बजट सत्र इस बार हंगामेदार होगा। कांग्रेस द्वारा प्रश्नों के जरिए सरकार से कई सवाल पूछने के आसार हैं। इस बार विधायकों से कहा गया है कि जो सवाल पूछे जाएं वे सरकार पर हमले करने वाले हों। कांग्रेस की कोशिश होगी कि बजट सत्र पूरे दिनों चले। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सत्र सारगर्भित रहेगा। सदन में बजट तो होगा ही साथ ही जनहितैषी मुद्दे भी होंगे। बता दें कि शीतकालीन सत्र में शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाई थी जो गिर गया था।
इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच तीखी बहस हुई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए विपक्ष को जवाब दिया था। उसके बाद प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिससे अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ 2011 के बाद पहली बार अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया, जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चर्चा भी हुई। लेकिन चर्चा के बाद अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।