कोरोना वारियर्स को नहीं मिला मुआवजा
भोपाल(देसराग)। जो सरकार अपने कर्मचारियों के साथ ही न्याय नहीं कर सकती है, उससे आम जनता के साथ न्याय करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा है कि 16 मार्च को विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में भाजपा की शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश सरकार ने बताया है कि कोरोना काल में कोरोना से राज्य सरकार के कुल 325 कर्मचारियों की मृत्यु हुई थी और उनमें से सिर्फ 71 कर्मचारियों के परिजनों को ही मुआवजा दिया गया है, जो कुल मृतक कर्मचारियों के 22 फीसद से भी कम है। इसमें से भी अनुकंपा नियुक्ति सिर्फ 33 लोगों को मिली जो कुल संख्या का मात्र 10 प्रतिशत है। इसमें भी चिंता की बात यह है कि 168 कर्मचारियों के परिजनों को किंतु परंतु लगाकर मुआवजा देने से इंकार कर दिया गया है जो मृतक कर्मचारियों को 51 प्रतिशत है।
माकपा नेता ने कहा है कि इससे भाजपा सरकार का दोहरा चरित्र भी सामने आया है। एक ओर यह सरकार कोरोना वॉरियर्स के नाम पर कर्मचारियों पर फूल बरसाती है और दूसरी ओर उनके मौत हो जाने पर उनके परिजनों को उचित रोजगार और मुआवजे से भी वंचित कर देती है। जसविंदर सिंह ने कहा है कि सरकार मृतक कर्मचारियों की संख्या के संबंध में भी सत्य नहीं बोल रही है क्योंकि सिर्फ पुलिस विभाग में ही 152 पुलिस कर्मियों की मृत्यु कोरोना से हुई थी। स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, स्थानीय निकाय, आशा ऊषा और आंगनवाड़ी कर्मचारियों को संख्या को मिला लिया जाए तो यह सरकार के बताए आंकड़े से दोगुनी से भी अधिक हो सकती है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सभी मृतक कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा और रोजगार देने की मांग की है।