भोपाल(देसराग)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस जमीनी स्तर तक पहुंचकर रिपोर्ट जुटाने में लगी है। दिग्विजय सिंह एक बार फिर कांग्रेस में तारणहार की भूमिका में नजर आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय लगातार क्षेत्रों का दौरा कर खासकर हारी सीटों पर कांग्रेस और कमलनाथ के लिए रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं।
दरअसल विधानसभा चुनाव में फिर सत्ता पाने के लिए कांग्रेस ने हारी हुई सीटों पर चुनाव के करीब 5 माह पहले उम्मीदवार का ऐलान करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ऐसी तमाम सीटों को लेकर मंथन करने में जुटे हैं।
दिग्विजय सिंह ऐसी हारी हुई सीटों का दौरा करने में जुटे हैं। इस दौरान वे जमीनी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं से चर्चा कर नब्ज टटोलने की कोशिश कर रहे हैं। उधर कमलनाथ ने 17 अप्रैल को पार्टी की रणनीति तय करने पदाधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाई है। पिछले विधानसभा चुनाव में नर्मदा यात्रा से पार्टी की जमीन तैयार करने के बाद इस बार दिग्विजय सिंह हारी हुई सीटों का दौरा कर रहे हैं। बुधवार को सागर जिले की विधानसभा सीटों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इसके पहले वे ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर जा चुके हैं। अपने दौरों के दौरान दिग्विजय सिंह जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं और इसकी रिपोर्ट कमलनाथ को दे रहे हैं।
बुधवार को दिग्विजय सिंह सागर जिले की सुरखी विधानसभा पहुंचे। यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती रही, हालांकि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाजपा में जाने के बाद इस सीट पर भाजपा का झंडा लहराने लगा है। कांग्रेस की रणनीति सबसे पहले लगातार हारने वाली सीटों पर उम्मीदवार तय करने की है, ताकि चुनाव तैयारी में उन्हें पर्याप्त मिल सके। कांग्रेस ने ऐसी 60 से ज्यादा सीटें चिन्हित की हैं, जहां कांग्रेस लगातार हारती आई है। इनमें बैरसिया, गोविंदपुरा, बुधनी, आष्टा, सारंगपुर, सीहोर, सुसनेर, देवास, खातेगांव, खंडवा, बगली, धार, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, दतिया, रहली, बालाघाट, सीधी, रीवा, नरयावली, भोजपुर, हरसूद, धार, सागर, इंदौर चार और पांच, गुना, महू, देवसर, शिवपुरी, जैतपुर, जबलपुर कैंट, नीमच, रतलाम सिटी, मल्हारगढ़ आदि हैं। बताया जा रहा है कि करीबन 40 सीटों पर उम्मीदवार को लेकर कमलनाथ पदाधिकारियों से पहले दौर की चर्चा कर चुके हैं। वहीं आगामी रणनीति बनाने के लिए कमलनाथ ने 17 अप्रैल को फिर बैठक बुलाई है।