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Tuesday, Jun 6, 2023
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राजनीति

भाजपा में बगावत! पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने दी हवा

विवेक श्रीवास्तव
ग्वालियर(देसराग)। पार्टी में लंबे समय से हाशिए पर चल रहे भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान कर क्या पार्टी में बगावत की शुरुआत कर दी है। और क्या यह सही समय पर की गई सही चोट है। अपने जन्मदिन के मौके पर पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने ना सिर्फ पार्टी को अपने कद का एहसास कराया बल्कि ग्वालियर दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ने का ऐलान कर पार्टी में बगावत को हवा दे दी। खास बात यह है कि पार्टी में बगावत की शुरुआत ग्वालियर चंबल अंचल से हुई है जहां की 34 विधानसभा सीटों भाजपा की साख दांव पर लगी है। कांग्रेस भी ग्वालियर चंबल अंचल की इन सीटों पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए पूरा जोर लगा रही है।

हाल ही में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अनूप मिश्रा को कांग्रेस में आने का ऑफर दिया था। नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद से ही अनूप मिश्रा खबरों में बनी हुए हैं। मध्यप्रदेश का ग्वालियर चंबल अंचल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ है। और भाजपा के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर का भी इस अंचल में प्रभाव है। ऐसे में पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा के बागी तेवरों ने भाजपा में खतरे की घंटी बजा दी है। भाजपा में अटल युग के खत्म होने के बाद से ही अनूप मिश्रा की पूछ परख खत्म हो गई थी और लंबे समय से वह हाशिए पर हैं। अनूप मिश्रा भाजपा के उन नेताओं में हैं जिन्हें चुनाव लड़ना और जीतना आता है। जिस ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान किया उस सीट से वह पहले विधायक भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह ग्वालियर की भितरवार, ग्वालियर पूर्व से भी विधायक रह चुके हैं।

पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने चुनाव लड़ने का ऐलान ऐसे समय किया है जब टिकट वितरण को लेकर सब कुछ साफ नहीं है और खुद पार्टी में भी टिकटों को लेकर दुविधा की स्थिति है।मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी के कांग्रेस में आने के बाद पार्टी में किनारे लगे नेता भी मुखर हो चले हैं। इस बीच अनूप मिश्रा ने चुनाव लड़ने का खुला ऐलान कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में अभी समय है लेकिन भाजपा को चुनाव से पहले अपनों से ही चुनौती मिलने लगी है।

जन्मदिन के मौके पर आज अनूप को बधाइयां देने बड़ी संख्या में पार्टी के लोग उनके घर पहुंचे। हालांकि इस दौरान पार्टी का कोई बड़ा नेता यहां नजर नहीं आया। जन्मदिन के बहाने उन्होंने पार्टी को अपनी ताकत का एहसास कराया, साथ ही यह कहकर- “मैं ना तो थका हूं और ना हारा हूं। रिटायर्ड भी नहीं हूं।” पार्टी नेतृत्व को भी बता दिया उन्हें कमजोर ना समझा जाए।

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