विवेक श्रीवास्तव
ग्वालियर(देसराग)। मध्यप्रदेश में चुनावी मुकाबला भले ही कांग्रेस और भाजपा के बीच हो लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में लड़ाई सीधे-सीधे कांग्रेस और सिंधिया के बीच हो गई है। पीसीसी की तरफ से नियुक्त ग्वालियर चंबल अंचल के प्रभारी और पार्टी के बड़े नेता अजय सिंह राहुल ग्वालियर में हैं और जिस तरह से उनके बयान सामने आए हैं उससे यही लग रहा है कि कांग्रेस सिंधिया को सामने रखकर ही चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
डबरा में कांग्रेसियों की एक बड़ी बैठक में पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा शिवराज सरकार के 20 सालों में कांग्रेस की पहचान खत्म होती जा रही है। वहीं उन्होंने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में भाजपा और सिंधिया दोनों को चुनौती देते हुए कहा, भाजपा सिंधिया को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ कर दिखाए। हैरानी इस बात की है- बात-बात पर बयान देकर किसी भी बात को मुद्दा बनाने की रणनीति पर चलने वाली भाजपा के नेताओं की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है। ग्वालियर चंबल अंचल भाजपा के कई बड़े नेता हैं लेकिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष के बयानों पर इन सभी की चुप्पी हैरान कर रही है। तो क्या यह माना जाए भाजपा नेता भी लड़ाई कांग्रेस वर्सेस सिंधिया होते देखना चाहते हैं। कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल जब यह कहते हैं कि किसी को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए हम सरकार बना रहे हैं तो उनका इशारा भी सिर्फ और सिर्फ सिंधिया की तरफ ही होता है।
यह तो साफ है कि ग्वालियर चंबल अंचल में नाराज भाजपा और महाराज भाजपा में पहले दिन से बनी दरार चुनाव से पहले और चौड़ी होती जा रही है। और कांग्रेस भाजपा की इसी कमजोर कड़ी में अपनी जीत का रास्ता बना रही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस को विपक्ष का रास्ता दिखाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के विश्वासघात के दंश की टीस लंबे समय तक कांग्रेस में बनी रहेगी। 2024 में लोकसभा का चुनाव भी है। खास बात यह है, तीन दिनों के अपने इस दौरे में पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने ना तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर टिप्पणी की और ना ही अंचल के बड़े भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर पर।