भोपाल(देसराग)। मध्य प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने एक बार फिर राम पथ गमन का मुद्दा उठाया है। उषा ठाकुर ने कहा कि जल्द ही राम पथ गमन न्यास बनाया जाएगा। इसे लेकर 15 दिन में एक कमेटी भी गठित की जाएगी। ठाकुर के बयान पर कांग्रेस सरकार में धर्मस्व मंत्री रहे पीसी शर्मा ने आरोप लगाया है। शर्मा ने कहा कि भाजपा राम के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि राम पथ गमन बनाने की इच्छा रखने वाली उषा ठाकुर पहले खुद राम के पथ पर चलकर श्रीलंका तक जाएं।
पीसी शर्मा ने कहा कांग्रेस सरकार का प्रोजेक्ट
कांग्रेस सरकार में धर्मस्व मंत्री रहे पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भाजपा राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। राम पथ गमन न्यास बनाए जाने का ऐलान करने वाली मंत्री उषा ठाकुर को उन्होंने चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उन्हें न्यास बनाना है, तो पहले मंत्रीजी खुद रामपथ गमन के अंतिम छोर तक श्रीलंका होकर आएं। पीसी शर्मा ने कहा कि राम पथ गमन की शुरुआत कांग्रेस सरकार ने की थी और पूरा प्रोजेक्ट भी उनकी सरकार ने तैयार किया था। शर्मा ने कहा कि पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर श्रीलंका तक जाएं, उस जगह पर जाकर वहां जमीन देखें और इस पथ को पूरा करें।
कांग्रेस उठाती है राम के अस्तितव पर सवाल
पीसी शर्मा के आरोपों पर उषा ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का दावा करने वाले वही लोग हैं, जो राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर को लेकर कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया था और राम को काल्पनिक बताया था। यही वजह है कि वे राम पथ गमन प्रोजेक्ट को शुरू भी नहीं कर सके। उषा ठाकुर ने कहा कि सरकार अब जल्द ही रामपथ गमन न्यास के माध्यम से इस पथ का पूर्ण विस्तार करेगी और इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी का यह सपना है कि राम पथ गमन बने और सरकार इसे पूरा भी करेगी।
18 साल में यह हुआ प्रस्ताव का हाल
मध्य प्रदेश में सबसे पहले 2004 में राम वन गमन पथ का प्रस्ताव सरकार के समक्ष आया था, उस वक्त मध्य प्रदेश में भाजपा की ही सरकार थी। इसके बाद 3 साल तक प्रस्ताव धूल खाता रहा, 3 साल बाद यह प्रस्ताव फिर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने लाया गया और उन्होंने राम पथ खोजने की घोषणा की। इसके बाद शुरुआती सर्वे का काम किया गया। वनवास के दौरान भगवान श्रीराम मध्यप्रदेश में जिन स्थानों पर रुके थे, ऐसे एक दर्जन स्थानों को विकसित करने के लिए वास्तु विदों को डीपीआर बनाने को कहा गया। साल 2008 में संस्कृति विभाग ने एक समिति बनाकर इस पर शोध भी कराया, लेकिन इसके बाद इस दिशा में काम आगे शुरू नहीं हो पाया।
11 साल मध्यप्रदेश में बिताए
हजारों साल पहले त्रेतायुग में भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान वर्तमान मध्यप्रदेश में जिन स्थानों से होकर गुजरे थे, वहां राम वन गमन पथ का निर्माण किया जाना है। पुरानी कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने 14 साल के वनवास के दौरान मध्य प्रदेश में करीब 11 साल बिताए और इस दौरान भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ चित्रकूट से लेकर अमरकंटक तक करीब 200 किलोमीटर पैदल यात्रा की।
कहां-कहां रुके राजाराम
चित्रकूट, पन्ना, छतरपुर, उमरिया, अशोकनगर, सतना, विदिशा, होशंगाबाद और महेश्वर के साथ-साथ नर्मदा के तट के किनारे भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान लंबा वक्त गुजारा है। इसके अलावा ओरछा प्रदेश में एक ऐसा स्थान है। जहां भगवान श्रीराम राजा के रूप में विराजे हैं।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किया था शामिल
पिछले 14 साल में जिस राम वन गमन पथ के मुद्दे को भाजपा भूल चुकी उसे 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया। कांग्रेस ने राम वन गमन पथ यात्रा शुरू की, लेकिन उसे रोक दिया गया। पिछली कमलनाथ सरकार भाजपा के इस मुद्दे को छीनते हुए कैबिनेट में राम वन गमन पथ परियोजना के लिए ट्रस्ट बनाने की मंजूरी दी। कमलनाथ सरकार ने इसके लिए 20 करोड़ का बजट भी मंजूर किया। लंबे समय से ठंडे बस्ते में रहा राम पथ गमन का मामला एक बार फिर बाहर आ गया है। उषा ठाकुर और पीसी शर्मा के बयानों से जाहिर है कि इस पर एक बार फिर राजनीति तेज होगी। कांग्रेस भी इस मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती है, उसका दावा है कि यह उनकी सरकार के समय लाया गया प्रोजेक्ट है। दूसरी तरफ यह भी देखने लायक होगा कि राम के नाम पर राजनीति करने वाले राम पथ गमन कब तक बना पाते हैं।