भोपाल (देसराग)। परमाणु खतरे की आशंका के बीच रूस और यूक्रेन की जंग अब अपने सांतवें दिन में प्रवेश कर चुकी है। रूस और यूक्रेन के बीच हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। लगातार हो रही बमबारी के बीच एमपी के कई छात्र-छात्राएं अभी भी वहां फंसे हैं। इस बीच भारतीय छात्र भयभीत हैं, और भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं जो भारतीय अपने वतन वापस आ गए हैं, उनके घर की खुशी भी उनके साथ वापस आ गई है, लेकिन जो भारतीय नागरिक अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं उनके गम की कोई सीमा नहीं है।
नरसिंहपुर के छात्र की जल्द होगी घर वापसी
नरसिंहपुर के एक छात्र ने साहस का परिचय देते हुए अपनी घर वापसी सुनिश्चित की है। इस छात्र का नाम डॉ.प्रियांशु गौतम है। छात्र की वापसी की खबर पुलिस मुख्यालय भोपाल ने मंगलवार देर शाम परिवार को दी। इसके बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।
बैतूल के छात्र ने यूक्रेन के हालात बताए
यूक्रेन में भारतीय छात्र की मौत के बाद से अभिभावक की चिंता बढ़ गई है। बैतूल का छात्र दीपांशु विश्वकर्मा भी यूक्रेन में फंसा है। दीपांशु ने मंगलवार को वीडियो जारी कर के यूक्रेन के हालात बताए और छात्र की मौत पर चिंता जाहिर कर सरकार से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द उन्हें वहां से निकाले।
दमोह के दो छात्र यूक्रेन में हैं फंसे
दमोह छात्र ने अपने दोस्तों के साथ वीडियो बनाकर केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उन्हें वहां से जल्द निकाला जाए। इस बीच दमोह के एक छात्र आशीष पटेल के पिता ने भी यूक्रेन में फंसे अपने बच्चे को भारत लाने की केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं। दमोह के दो छात्र यूक्रेन में फंसे हैं। वहीं दूसरे छात्र जिसका नाम जमाल खान हैं। उनकी मां ने बताया कि दिल्ली से फोन आया था कि उनका बेटा शीघ्र ही घर लौट आएगा। फिलहाल वह रोमानिया की बॉर्डर पर पहुंच चुका है। वह कहती हैं कि बेटे की वापसी के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और जिला प्रशासन से भी निवेदन किया है।
सागर का छात्र अक्षय के जल्द घर वापसी की तैयारी
सागर का अक्षय पटेल अभी भी वतन वापसी की जद्दोजहद कर रहा है। अक्षय के पिता ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे से बात कि है। जिसमें उन्हें जानकारी मिली है कि अक्षय रोमानिया के बुखारेस्ट एयरपोर्ट पर पहुंच गया है, और उसकी वतन वापसी जल्द होने वाली है। उन्होंने बताया कि अक्षय को अभी भारतीय छात्र की मौत के बारे में पता नहीं है, और उसके परिजनों ने भी नहीं बताया है।
अनूपपुर के परिवार की सरकार से गुहार
यूक्रेन के जयफरुजिया शहर में अनूपपुर के निवासी हिमांशु सराफ फंसे हुए हैं। हिमांशु अपने परिजनों से वीडियो कॉल के जरिए बात कर मदद की गुहार लगा रहे हैं। इसकी वजह से माता पिता काफी चिंतित हैं। हिमांशु की मां मीना सोनी का कहना है कि बच्चा वापस अपने देश आ जाए सरकार से ऐसी उम्मीद है। हिमांशु के पिता लाला सोनी का कहना कि बेटे से बात हुई है, हम चाहते हैं कि हमारे बेटे सहित सभी बच्चे वापस घर आ जाए।
ग्वालियर का छात्र हॉस्टल के बंकर में है छिपा
ग्वालियर के पीयूष सक्सेना के माता पिता की भी वहां के हालातों को लेकर गहरी चिंता है। उनका एकमात्र बेटा अपने हॉस्टल के बंकर में है। जहां वह 500 बच्चों के साथ छुपा हुआ है। पीयूष के परिजनों का कहना है कि यदि भारत सरकार रूस से बात करके रशिया के रास्ते से बच्चों को निकालने की कोशिश करे तो यह बेहतर होगा, क्योंकि सरकार का कहना है कि सभी बच्चे वेस्ट यूक्रेन पहुंचे। उन दोनों के बीच दूरी काफी ज्यादा है, और बीच में कीव शहर है।
रीवा की बेटी की घर वापसी की सरकार से गुहार
रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध में रीवा की एक बेटी नुसरत खान भी फंसी हैं। जो यूक्रेन के “काला सागर” में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई करती हैं। भारतीय छात्र के मौत के बाद अब नुसरत के परिजन उसकी जल्द वतन वापसी की आस लगाए सरकार से मदद पहुंचाने की गुहार लगा रहे हैं।